ग्लैमर, फ़ोटो शॉप की हुई फ़ोटोज़ और इन्स्टा-फ़िल्टर्ड दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा होने के कारण आपके जीवन में कुछ ऐसे भी दिन आएंगे कि आप ख़ुद को उतना ख़ूबसूरत नहीं पाएंगी, जितनी कि आप वाक़ई हैं. इसकी वजह वो मुहांसा भी हो सकता है, जो जाने का नाम ही नहीं ले रहा है या फिर वो घुंघराले हो जाने वाले बाल भी हो सकते हैं, जो उन्हें सीधा बनाए रखने के लिए किए गए सारे जतन के बावजूद फिर घुंघराले हो जाते हैं. हम इन प्राकृतिक रूप से होने वाली चीज़ों को ‘खामियां’ कहने के लिए जैसे पूरी तरह प्रशिक्षित हो चुके हैं और अपने शरीर के बारे में अवास्तविक चाहत रखने लगे हैं. पर डव ने इस स्थिति को बदलने की चुनौती को स्वीकार किया है अपने अभियान #LETSBREAKTHERULESOFBEAUTY यानी आइए सुंदरता के नियमों को तोड़ें, के ज़रिए. और बीब्यूटिफ़ुल में बैठ कर हम उनके इस अभियान को अपना सहयोग देने से ख़ुद को क़तई नहीं रोक पा रहे हैं.

Dove break the rules of beauty

यह सब कैसे शुरू हुआ?

इस बात की शुरुआत पिछले साल हुई जब ‘डव गर्ल्स ब्यूटी ऐंड कॉन्फ़िडेंस रिपोर्ट (2017)’ में यह सामने आया कि युवा लड़कियां सुंदरता को लेकर क्या सोच रखती हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार, 72% भारतीय लड़कियां सुंदर दिखने का बेहद दबाव महसूस करती हैं. इस रिपोर्ट में सामने आए आंकड़ों के आधार पर डव युवा लड़कियों और महिलाओं से यह अपील कर रहा है कि सुंदरता के पारंपरिक मानदंडों का शिकार होने से बचें और अपनी ख़ुद की स्वाभाविक सुंदरता के प्यार में डूबी रहें.

डिजिटल तोड़-मरोड़ नहीं करें

डव ने ‘नो डिजिटल डिस्टॉर्शन मार्क’ यानी डिजिटल तोड़-मरोड़ न करने की भी पहल की, जिसके तहत वास्तविक सुंदरता का जश्न मनाया जा सके, बिना फ़ोटो शॉप या डिजिटल करेक्शन के. पिछले कुछ महीनों से इस अभियान के हिस्से की तरह कई सितारों ने ख़ुद के स्वाभाविक लुक को सामने लाने की पहल की, बिना कोई फ़िल्टर या फ़ोटोशॉप किए... यदि इसे मीडिया की भाषा में कहें तो अपनी ‘खामियों’ को उजागर करते हुए.

कुछ चेहरे जिन्होंने इस अभियान में सहयोग दिया

बॉलिवुड की कुछ बहुत ही प्रतिभाशाली और युवा अभिनेत्रियों ने इस कैम्पेन #LetsBreakTheRulesOfBeauty को अपना पूरा सहयोग दिया. ग्रैज़िया मैगज़ीन ने अपना अगस्त 2018 का अंक निकाला और अभिनेत्री राधिका आप्टे को बिना किसी एयरब्रशिंग या फ़ोटोशॉप टूल का इस्तेमाल किए अपने कवर पर फ़ीचर किया. किसी मैगज़ीन के अपने तरह के पहले ऐसे कवर को सोशल मीडिया में बहुत सराहा गया. अगले महीने अभिनेत्री शिखा तलसानिया ने सौंदर्य की अपनी परिभाषा के बारे में बताया और यह भी बताया कि कितने संघर्षों के बाद उन्होंने अपने शरीर को सकारात्मकता के साथ लिया और कैसे संभव हुआ...

अब उनके जीवन का मंत्र ही है- #LetsBreakTheRulesOfBeauty. तापसी पन्नू ने भी इस अभियान को अपना समर्थन दिया और बचपन के दौरान अपने घुंघराले बालों से जुड़ी समस्या और उससे जुड़े संघर्षों के बारे में बताया. नवंबर 2018 के ग्रैज़िया के अंक में उन्होंने बताया कि कैसे धीरे-धीरे उन्हें अपनी स्वाभाविक सुंदरता से प्यार हुआ.

इस अभियान से जुड़ें

सितारों के अलावा अलग-अलग पृष्ठभूमियों की महिलाएं भी इस मुहिम से जुड़ने आगे आई हैं और पारंपरिक सौंदर्य मानदंडों से परे उन्होंने भी अपनी स्वाभाविक सुंदरता का जश्न मनाना सीख लिया है. आप भी सुंदरता को दोबारा पारिभाषित करने की हमारी इस मुहिम से जुड़िए. ताकि साथ मिलकर हम सौंदर्य के तयशुदा नियमों को बदलें- #LetsBreakTheRulesOfBeauty