यह वाक़ई हैरानी की बात है कि जिस दौर और वक़्त से हम गुज़र रहे हैं उसमें भी हमने कैसे ज़िंदगी को सामान्य बनाए रखा है. इस माहौल में खुद को ढालने के लिए हमने जी तोड़ कोशिश की. लेकिन इसके बावजूद जबसे वायरस हमारी सीमाओंमें दाखिल हुआ है तब से तनाव, बेचैनी और चिंता से बचना मुश्किल हो गया. अगर आपको लगता है कि आप दोराहे पर हो और यह तय नहीं कर पा रहे कि अपनी चिंताओं को कैसे शांत किया जाए, तो इन श्वास संबंधी व्यायामों को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने से आपकी समस्या का निदान हो सकता है. याद रखें कि गलत तरीके से सांस लेने से थकान, पैनिक अटैक और अन्य भावनात्मक असंतुलन हो सकता है, क्योंकि यह शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन केस्तर को बिगाड़ देता है.

 

पेर्सेड लिप ब्रीदिंग यानी होंठ सिकोड़कर सांस लेना

पेर्सेड लिप ब्रीदिंग यानी होंठ सिकोड़कर सांस लेना


यह तकनीक आपके सांस लेने की गति को धीमा कर देती है और आपके फेफड़ों में अधिक ऑक्सीजन पहुंचाती है. इस तरह से आप खुद जानते-समझते हुए धीमी गति से सांस लेते हैं. इस अभ्यास को दिन में चार या पांच बार करें, जिससे आपको इसे करने के सही तरीक़े का अंदाज़ा भी हो जाएगा. यह एक सामान्य व्यायाम है, जो चिंता व तनाव से राहत देताहै और विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें सांस संबंधी परेशानियां हैं. इसे आप उन गतिविधियों के दौरानकर सकते हैं, जो सांस की तकलीफ का कारण बनती हैं, जैसे- चढ़ना, उठाना, व्यायाम करना.

 

  • आरामदायक अवस्था में बैठ जाएं और गर्दन व कंधों को ढीला छोड़ दें.
  • अपना मुंह बंद रखते हुए 2 सेकंड के लिए नाक से श्वास लें.
  • इसके बाद अपने होंठों को इस तरह सिकोड़ें जैसे आप सीटी बजाने जा रहे हैं या स्ट्रॉ से कुछ पीने जा रहे हैं.
  • इसी अवस्था में अपने होंठों से 4 सेकंड के लिए धीरे-धीरे सांस छोड़ें.

 

 

लायंस ब्रेथ (शेर की सांस)

लायंस ब्रेथ (शेर की सांस)

 

यह एक तरह का प्राणायाम है, जो चेहरे व सीने के तनाव को कम करता है, फेफड़ों को मज़बूत करता है, भावनाओं के बोझ को हल्का करता है और आपको नई ऊर्जा देता है. आप इसे किसी आसन से पहले या बाद में या अपने ध्यान अभ्यास के अंत में  या फिर पूरे दिन में अलग से कभी भी कर सकते हैं.

  • आरामदायक स्थिति में पालथी मारकर या अपनी  एड़ियों पर बैठ जाएं.
  • अपनी उंगलियों को अपने पैरों पर या फर्श पर रखें. उन्हें भीतर की ओर मोड़ें और जितना हो सके उन्हें फैलाएं , शेर के पंजे की नकल करते हुए.
  • नाक से श्वास लें और सुनिश्चित करें कि आपका मुंह बंद हो.
  • अपना मुंह खोलें और जीभ को बाहर निकालें, उसे अपनी ठुड्डी की तरफ़ नीचे करें.
  • 'हा' की ध्वनि के साथ ज़ोर से सांस छोड़ें. यह महसूस करें कि श्वास भीतर से आ रही है और जीभ के ऊपर से गुजर रही है. सुनिश्चित करें कि जब तक पूरी तरह सांस बाहर न छोड़ दें आपकी जीभ बाहर ही हो.
  • कुछ सेकंड के लिए सामान्य रूप से सांस लें और इस तकनीक को सात बार दोहराएं.
  • दो या तीन मिनट तक गहरी सांस लेते हुए समाप्त करें.

 

 

ब्रेथ फ़ोकस ( सांस पर ध्यान केंद्रित करना)

ब्रेथ फ़ोकस ( सांस पर ध्यान केंद्रित करना)

 

इस तकनीक में आपका पूरा ध्यान गहरी और धीमी श्वसन क्रिया पर होता है, जिससे आप ध्यान भटकाने वाले, विचलितकरने वाले विचारों और संवेदनाओं से बाहर निकल पाने में सक्षम होते हैं.

  • आरामदायक जगह पर बैठ जाएं. आप चाहें तो लेट भी सकते हैं.
  • आंखें बंद करें. कुछ गहरी सांसें लें.
  • अब सांस अंदर लें और ऐसा करते समय कल्पना करें कि आपके आस-पास की हवा शांति से भरी हुई है.
  • अब सांस छोड़ें