पिछले दो सालों ने लाइफ़ को काफ़ी स्लो कर दिया है. यूं कहें कि सब कुछ बदल गया और रुक गया है. और ऐसे में हमें चीज़ों को अपने नज़रिए से देखना होगा. क्या हम खुश हैं? हम हर दिन खुद से ये सवाल करते रहे, वो भी दिन भर बहुत कुछ करते हुए भी हम ख़ुशियों के पीछे भागते नज़र आए. 12 घंटे ऑफ़िस का काम करते हुए, अपने काम, अपने पार्टनर के बारे में सोचते हुए, किताबें पढ़ते हुए या खाना खाते समय, अपनी इस लाइफ़स्टाइल में हम बस ख़ुशियां ही ढूंढ़ते रहे. और ये कहना ग़लत नहीं होगा कि हममें से अधिकांश लोगों को वो ख़ुशियां नहीं मिलीं. लेकिन ऐसा नहीं है कि ये बेहद बुरी चीज़ है क्योंकि ख़ुशियों का पीछा करते हुए हमें जो सबसे अच्छी चीज मिली, वो है सेल्फ केयर! क्या हुआ कि सब कुछ बेहतरीन नहीं है… हमें मी टाइम तो मिला है, जिससे हम आत्मिक शांति, सुकून और आत्म शांति पा सकते हैं. यही मीटाइम और सेल्फ केयर अब हमारा गोल बन चुका है.
2022 में सेल्फ केयर

Image Courtesy: @myselflovesupply
दो साल की सेल्फ केयर ने हमें बहुत कुछ सिखाया और अब हम ये सोचते हैं कि 2022 में सेल्फ केयर कैसी होगी? क्या हम कुछ नया सीखने वाले हैं? जी हां, बिल्कुल, क्योंकि अब सेल्फ केयर को स्वार्थ से जोड़कर नहीं देखा जाता. हम सभी ने दो साल का बेहद कठिन समय देखा है और इसके बाद हम जो भी वक़्त निकालना चाहते हैं उसमें खुद को पहले रखना चाहते हैं. रात को अच्छी नींद और आराम, अपने शरीर की डिमांड के अनुसार अच्छा खाना, हाइड्रेट रहना और ब्रेक्स लेनाअब ज़रूरी हो चुका है. और 2022 का प्लान है इसे ऐसे ही बनाए रखने का.
सेल्फ केयर का पर्सनलाइज़ेशन
_0.jpg)
Image Courtesy: @lovebeautyandplanet
एक और नया डेवलपमेंट है सेल्फ केयर को पर्सनलाइज़ करना. अपनी केयर करने का कोई रूल या सही तरीक़ा नहीं होता. लेकिन मी टाइम के लिए सलाहों, रूटींन्स और हैक्स की कमी नहीं है, रिसर्च (और बहुत से व्यक्तिगत अनुभव) से पता चलता है कि सेल्फ केयर एक निजी यानी पर्सनलाइज्ड रूटीन है और ज़रूरी नहीं कि इसे लोगों के हिसाब से या ज़्यादा व्यापक तरीक़े से देखा जाए. हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू में प्रकाशित एक शोध के अनुसार सेल्फ केयर अपनी शर्तों पर होनी चाहिए और उसे टु डु लिस्ट की तरह किसी प्रेशर में नहीं करना चाहिए. यानी जो मन को भाए वो सही है, न कि ज़बर्दस्ती नियमों का पालन किया या करवाया जाए. हम अक्सर यही सोचते हैं कि सेल्फ केयर के कुछ नियम हैं और उनका पालन करते हुए उसका मॉडल ऐसा होना चाहिए, जबकि सच ये है कि सेल्फ केयर का मतलब यही है कि आपको अपने लिए क्या सही और बेहतर लगता है. आपका मन, शरीर और आत्मा क़िसमें सुकून और ख़ुशी महसूस करती है.
सेल्फ केयर को खुद परिभाषित करें

Image Courtesy: @lakme
वेब सीरीज़ देखना, दोस्तों से गपशप या डेली ब्यूटी रूटीन- ये सब ज़रूरी हैं और मायने भी रखता है. सेल्फ केयर को लेकरकुछ प्रचलित धारणाएं है, जैसे- रोज़ सुबह योगा करें, हेल्दी खाने के लिए खुद को पुश करें , ये सब अच्छा है लेकिन अगर ये सब हमें अपराधबोध महसूस कराती हैं क्योंकि हम ये नहीं कर रहे होते तो ज़ाहिर है हमें आत्मिक शांति और सुकून नहीं मिलता है. इसलिए इन सबके बारे में सोचना बंद करें और इस साल सेल्फ केयर की अपनी परिभाषा लिखें. इस बात पर ध्यान देना शुरू करें कि आपको क्या और कौन सी चीज़ ऊर्जावान और उत्साहित महसूस कराती है और क्या करनाआपको पसंद है? कौन सी चीज़ आपको ख़ुशी, सुकून और शांति महसूस कराती है? उसी के अनुसार इस साल सेल्फकेयर को पर्सनलाइज़ करें. क्यों न खुद को पहले रखें और अपनी ही गति से आगे बढ़ें.
Written by Suman Sharma on Feb 14, 2022