झुर्रियां, बारीक़ रेखाएं और दाग धब्बे, उम्र के बढ़ने के ये निशान सबसे पहले आपकी आंखों के निचले हिस्से पर ही दिखाई देना शुरू होते हैं. इसीलिए एक अच्छी आइक्रीम में निवेश करना तो बनता है. और अच्छी आइक्रीम से हमारा मतलब है ऐसी क्रीम, जो इस हिस्से को हाइड्रेट करे, यहां की रंगत निखारे, सेल टर्न ओवर को बढ़ाए और ये सब यहां की नाज़ुक त्वचा को नुक़सान पहुंचाए बिना करे.

तो ये बात कैसे सुनिश्चित की जाए कि आपकी आइ क्रीम ये सभी काम करे? आसान है- इसमें मौजूद इन्ग्रीडिएंट्स की सूची को ध्यान से देख कर. यहां हम आपको ऐसे इन्ग्रीडिएंट्स की सूची दे रहे हैं, जो आपकी आइ क्रीम में मौजूद होने चाहिए. तो जब भी आइ क्रीम ख़रीदें ये ज़रूर देख लें कि ये इन्ग्रीडिएंट्स उस क्रीम में ज़रूर हों...

 

हायलूरॉनिक ऐसिड

हायलूरॉनिक ऐसिड

आंखों का निचला हिस्सा रूखा महसूस होता है? हायलूरॉनिक ऐसिड बेस्ड फ़ार्मूला आपके लिए बहतरीन रहेगा. इस जादुई इन्ग्रीडिएंट में मॉइस्चर को रोके रखने के अद्भुत गुण होते हैं, जो अंडर-आइ एरिया के हाइड्रेशन के स्तर को बढ़ा देते हैं. जिससे यह हिस्सा उजला, एक समान रंगत वाला और भरा भरा दिखाई देता है.

 

रेटिनॉल

रेटिनॉल

यदि आप ऐंटी-एजिंग आइ क्रीम तलाश रही हैं तो ध्यान दें तो उसमें रेटिनॉल ज़रूर हो. विटामिन A से मिलने वाला रेटिनॉल कोलैजन का उत्पादन बढ़ाने में सक्षम इन्ग्रीडिएंट है, जिसकी वजह से सेल-टर्न ओवर बढ़ता है. इसका मतलब ये हुआ कि इसके इस्तेमाल से अंडर-आइ वाला हिस्सा न सिर्फ़ दमक उठेगा, बल्कि झुर्रियां और बारीक़ रेखाएं भी कम होंगी.

 

कैफ़ीन

कैफ़ीन

क्या आप आंखों की सूजन और अंडर-आइ बैग्स की समस्या से जूझ रही हैं? तो एक ऐसी आइ क्रीम का चुनाव करें जिसमें कैफ़ीन ऐक्टिव इन्ग्रीडिएंट्स की तरह मौजूद हो. कैफ़ीन वैसोकॉन्स्ट्रिक्टर है, जिसका मतलब है कि इसके प्रभाव से रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं. इसकी वजह से डार्क सर्कल्स में कमी आती है और आंखों के आसपास की सूजन भी कम होती है.

 

न्यूरोपेप्टाइड्स

न्यूरोपेप्टाइड्स

यदि आपकी त्वचा बहुत ज़्यादा संवेदनशील है तो ऐसी आइ क्रीम्स का चुनाव करें, जिनमें रेटिनॉल की जगह पेप्टाइड्स हों. ये त्वचा पर बहुत सौम्य होते हैं और रेटिनॉल की ही तरह कोलैजन और इलैस्टिन का उत्पादन बढ़ाते हैं, जिससे त्वचा कसी हुई और जवां नज़र आती है.

 

विटामिन C

विटामिन C

विटामिन C युक्त आइ क्रीम्स उम्र के बढ़ते निशानों, जैसे- क्रोज़ फ़ीट और बारीक रेखाओं से छुटकारा पाने में मदद करते हैं. विटामिन C कोलैजन के उत्पादन को बढ़ता है. इससे आपकी आंखों का निचला हिस्सा उजला नज़र आता है और यहां की रंगत एक समान नज़र आती है. यह दाग धब्बों और हाइपरपिग्मेंटेशन से निजात दिलाने में भी असरदार होता है.