यहां स्किनकेयर से जुड़े एक ऐसे प्रोडक्ट की बात हो रही है, जिसकी आपके वैनिटी किट में एक ख़ास जगह होनी चाहिए. जी हां, हम टोनर की बात कर रहे हैं. यह आपके स्किनकेयर रूटीन का वह स्टेप है, जो क्लेंज़िंग के बाद और मॉइस्चराइज़िंग से पहले आता है.
टोनर आपके स्किनकेयर के खेल के स्तर को बढ़ा देता है. क्लेंज़र के छूटे हुए कणों को हटाते हुए टोनर आपके चेहरे के उन हिस्सों, जहां मेकअप फंसा हो सकता है, जैसे- हेयरलाइन, से मेकअप के कणों को हटाने का भी काम करता है. टोनर आपकी त्वचा के पीएच संतुलन को बनाने और मुहांसों को नियंत्रण में रखने का भी काम करता है.
यदि आप इस बात को लेकर कन्फ़्यूज़ हैं कि अपनी त्वचा के प्रकार यानी स्किन टाइप के अनुसार आपको टोनर किस तरह चुनना चाहिए तो हम आपकी इस समस्या का समाधान सुझा रहे हैं.
रूखी यानी ड्राइ स्किन

यदि आपकी त्वचा रूखी है तो आपको ऐसा टोनर चुनना चाहिए जो आपकी त्वचा को हाइड्रेट करे, क्योंकि आप ऐसा प्रोडक्ट तो बिल्कुल नहीं चुनना चाहेंगी, जो आपकी त्वचा को और रूखा बना दे, है ना? इसलिए ऐसा टोनर चुनें, जिसमें हाइड्रेटिंग फ़ॉर्मूला हो, जैसे- हयालूरॉनिक ऐसिड और ग्लिसरीन और साथ ही इसमें कुछ प्राकृतिक इन्ग्रीडिएंट्स, जैसे- गुलाब जल, ऐलो वेरा और ग्रीन टी भी हों. सैलिसिलिक ऐसिड और ऐल्कहॉल जैसे इन्ग्रीडिएंट्स वाला टोनर ख़रीदने से बचें, क्योंकि यह आपके चहरे से नमी और चमक दोनों ही चुरा लेगा.
त्वचा रूखी है तो आपके लिए सौम्य टोनर्स ही बेहतर रहेंगे. अपने चेहरे पर टोनर लगाते समय भी कॉटन पैड का इस्तेमाल करें और सौम्यता से ही इसे चेहरे पर लगाएं, न कि रगड़ते हुए. ज़्यादा रगड़ने से आपकी रूखी त्वचा खुरदुरी हो जाएगी.
तैलीय और मुहांसों के लिए संवेदनशील त्वचा

तैलीय यानी ऑइली और मुहांसों के लिए संवेदनशील त्वचा की सबसे बड़ी समस्या है बंद रोमछिद्र (क्लॉग्ड पोर्स). जब आपकी त्वचा का प्राकृतिक तेल पर्यावरण के कारकों, जैसे- गर्मी, प्रदूषण, धूल, गंदगी के संपर्क में आता है तो त्वचा के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं. इसीलिए आपको एक ऐसा टोनर चुनने की ज़रूरत होगी, जो आपकी त्वचा को सौम्यता से एक्स्फ़ॉलिएट भी कर सके, ताकि त्वचा पर मौजूद डेड स्किन सेल्स हट जाएं. एएचएज़ (AHAs) और सैलिसिलक ऐसिड जैसे इन्ग्रीडिएंट्स ऑइली व पिम्पल्स के लिए सेंसिटिव त्वचा के लिए अच्छे होते हैं. ये इन्ग्रीडिएंट्स पोर्स को गहराई से साफ़ करते हैं और यहां उन बैक्टीरियाज़ के पनपने को रोकते हैं, जिनकी वजह से ऐक्ने और ब्लैकहेड्स हो सकते हैं.
जब बात नैचुरल इन्ग्रीडिएंट्स की हो तो ध्यान रखें कि आपके टोनर में ऐंटीऑक्सिडेंट्स हों, जो फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुक़सान से आपको बचा सकें. कैमोमाइल और गुलाब के एक्स्ट्रैक्ट वाले टोनर्स आपके लिए बेहतरीन होंगे.
मिलीजुली यानी कॉम्बिनेशन स्किन

कॉम्बिनेशन स्किन के लिए टोनर का चुनाव थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि आपकी त्वचा गर्मियों में बहुत ऑइली और चमकदार हो सकती है और सर्दियों में एकदम रूखी. अत: आपके लिए अच्छा ये होगा कि आप मौसम मे हिसाब से प्रोडक्ट में बदलाव करती रहें. हां, ये ज़रूर सुनिश्चित करें कि आप ऐसे हल्के (लाइटवेट) टोनर्स का चुनाव करें, जो हाइड्रेटिंग भी हों. ऐसे टोनर की तलाश करें जिसमें विटामिन्स और प्रोऐक्टिव ऐंटीऑक्सिडेंट्स हों. जो आपकी त्वचा को सूरज की यूवी किरणों के साथ साथ गर्म, नमीभरे मौसम से बचाते रहें. रूखे और ठंडे महीनों में आप ऑइल-बेस्ड और मॉइस्चराइज़िंग फ़ॉर्मूला वाला ऐसा टोनर चुनें जो त्वचा के पीएच बैलेंस को भी बनाए रखे.
इन्ग्रीडिएंट्स जैसे- सेरामाइड्स और नाइअसिनामाइड्स, कॉम्बिनेशन स्किन पर अच्छी तरह काम करते हैं. नाइअसिनामाइड्स त्वचा को सूरज की यूवी किरणों के नुकसान से बचाते हैं, उम्र के बढ़ते निशानों पर लगाम लगाते हैं, हाइपरपिग्मेंटेशन का इलाज करते हैं और असमान रंगत को एक समान रंगत में बदल देते हैं.
Written by Shilpa Sharma on Feb 26, 2020
इन्हें भीतरी सुंदरता पर अटूट भरोसा है. इनका मानना है कि हर इन्सान अपने आप में बेहद ख़ूबसूरत है. ये मेकअप को सुंदरता का जश्न मनाने का बेहतरीन ज़रिया मानती हैं तो मुस्कान को चेहरे का सबसे सुंदर मेकअप! इन्हें पढ़ने-लिखने, लोगों से मिलने-जुलने और खाने-पीने का ख़ासा शौक़ है और इन चीज़ों को पाने के लिए यात्राएं करना बेहद पसंद है.