ये सच है कि बढ़ती उम्र को रोकना बहुत मुश्किल है , लेकिन क्या आप जानते हैं, कि शरीर की नेचुरल एजिंग प्रोसेस के कारण आपकी स्किन में केवल 10% बदलाव ही होते हैं? है न चौंकाने वाली बात? और बाकी बदलाव का कारण है एनवायरोमेंटल स्ट्रेसर। चाहे आप घर में रहें या घर से बाहर, आपकी स्किन हर दिन पर्यावरण में मौजूद विभिन्न तत्वों के संपर्क में आती है जो आपकी स्किन की एजिंग प्रोसेस को बढ़ा देती है।
जानें कौनसी है वो बातें जो आपके स्किन को प्रभावित कर रही है और किस तरह आप इन सबसे निपट सकते हैं.
प्रदूषण

एक शहर में रहने का मतलब है, कि उन पार्टिकल्स के डायरेक्ट कांटेक्ट में आना, जो हानिकारक तत्वों का मिश्रण है और आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है। कई शोधों से पता चला है कि पार्टिकुलेट मैटर यानी हवा में मौजूद ऐसे तत्व जो स्किन के लिए हानिकारक हैं, उनके संपर्क में आने से डार्क स्पॉट्स, रिंकल्स और लाइन्स हो जाते हैं। ये पार्टिकल्स स्किन के नेचुरल कोलेजन, इलास्टिन को ब्रेक करते हैं और मोइस्चर को सोख लेते हैं। इसे रोकने के लिए एक मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें, जो इन तत्वों का सामना करता है और साथ ही स्किन को प्रोटेक्ट करता है। लैक्मे 9 टू 5 नेचुरेल डे क्रीम एसपीएफ 20 विथ प्योर एलोवेरा, प्रदूषण और आपकी स्किन के बीच में एक बैरियर का काम करती है, जिसमें शुद्ध एलोवेरा होता है, जो स्किन को हाइड्रेट करता है और स्किन पप्रॉब्लम्स को दूर रखता है।
ब्लू लाइट

यदि आप अपने आप को घर में क़ैद करके रहते हैं तब भी आपके पास इन एन्वायरोमेन्टल स्ट्रेस से बचने का कोई तरीका नहीं है। क्योंकि आप अपने प्रिय गैजेट्स जैसे सेल फोन, लैपटॉप और टीवी से निकलने वाली ब्लू लाइट से बच नहीं सकते। हर रोज़ हम औसतन 6 घंटे ऐसे डिवाइसेज़ के साथ बिताते हैं, जिससे ब्लू लाइट निकलती है। समय के साथ यह हमारी स्किन के लिए खतरा उत्पन्न करता है, जिनसे पिगमेंटेशन, रेडनेस और स्वेलिंग हो सकती है| ब्लू लाइट फ्री रेडिकल स्टिम्युलेट करती है, जिससे प्रीमेच्योर एजिंग होती है। डर्मेलोजिका शीयर टिंट लाइट एसपीएफ 20 में आयरन ऑक्साइड होता है जो स्किन को ब्लू लाइट और सन डैमेज से बचाता है।
यूवी एक्सपोज़र

सभी जानते हैं कि सन एक्सपोज़र और यूवी रेज़ हमारी स्किन को किस कदर नुकसान पहुंचाते हैं, फिर भी हम इसे गंभीरता से नहीं लेता है। यूवीए और यूवीबी रेज़ दोनों ही स्किन के लिए हानिकारक हैं। यूवीए स्किन की गहराई तक जाकर नुकसान पहुंचता है, वहीं यूवीबी रेज़ स्किन की बाहरी परत में प्रवेश करती है और कोलेजन व इलास्टिन को नष्ट कर देता है और जिससे स्किन थिक लगने लगती है। इसलिए स्किन का पूरा खयाल रखना हो तो ऐसी सनस्क्रीन लगाएं, जो यूवीए और यूवीबी रेज़ से स्किन को प्रोटेक्ट करे, जैसे कि पॉन्ड्स सन प्रोटेक्ट नॉन-ऑयली सनस्क्रीन एसपीएफ 30 ताकि आपकी स्किन को अल्ट्रावॉयलेट रेज़ से लंबे समय तक प्रोटेक्शन मिल सके।
Written by Suman Sharma on Aug 06, 2020