यह बात बिल्कुल सही है कि रूखी त्वचा यानी ड्राइ स्किन अनुवांशकीय हो सकती है और बहुत संभव है कि आपने अपनी ड्राइ स्किन के लिए भी अपने जीन्स को ही दोषी मान लिया हो, है ना? लेकिन कंसल्टेंट डर्मैटोलॉजिस्ट डॉक्टर उत्तम कुमार लेन्का, एमबीबीएस (Cal), एमडी (डर्मैटोलॉजी), का मानना है कि रूखी त्वचा के लिए कई दूसरे कारक भी उतने ही ज़िम्मेदार होते हैं, जितने कि अनुवांशिक कारक. आपकी जीवनशैली यानी लाइफ़स्टाइल भी आपकी रूखी त्वचा का बड़ा कारण हो सकती है. हमने डॉक्टर कुमार से बातचीत कर के ड्राइ स्किन से संबंधित अपने सवाल पूछे और उनके जवाब जाने...
ड्राइ स्किन होने के सबसे सामान्य कारण क्या हैं?

डॉ उत्तम कुमार लेन्का के अनुसार, ‘‘सर्दियों के मौसम में और गर्म पानी से स्नान के बाद त्वचा का रूखा हो जाना बहुत सामान्य सा अनुभव है, जो अधिकतर लोग महसूस करते हैं,’’ क्योंकि दोनों ही कारक आपकी त्वचा में मौजूद नैचुरल ऑइल्स को चुरा लेते हैं और त्वचा को पपड़ीदार व खुजली महसूस करने जैसा बना देते हैं. ‘‘लेकिन यह भी संभव है कि आपकी ड्राइ स्किन आपके भीतर निहित किसी गंभीर बीमारी का संकेत दे रही हो, जिनमें से कुछ है:
ऐटॉपिक डर्मैटाइटिस: त्वचा की इस समस्या की वजह से त्वचा के अवरोध की प्रकिया ख़राब हो जाती है और शरीर में मौजूद पानी की मात्रा जल्दी वाष्पित हो जाती है.
सोराइसिस: स्किन टर्नओवर का समय तेज़ हो जाने से त्वचा को परिपक्व यानी मैच्योर होने का समय नहीं मिलता अत: त्वचा की अवरोधक प्रक्रिया बाधित होने लगती है.
टाइप 2- डाइबिटीज़ मेलिटस: डाइबिटीज़ की वजह से नाड़ियों के फ़ाइबर्स प्रभावित होते हैं, जिससे डाइबिटिक न्यूरोपैथ होता है और इसकी वजह से शरीर से कम पसीना निकलता है, जिसकी वजह से त्वचा रूखी हो जाती है,’’ डॉ कुमार बताते हैं.
यदि आपकी त्वचा भी रूखी महसूस होती है तो हम सलाह देंगे कि आप अपने डर्मैटोलॉजिस्ट से मिलें, ताकि वे इसकी जांच कर सकें कि आपको इनमें से कोई बीमारी तो नहीं है.

डॉ उत्तम कुमार लेन्का के अनुसार, ‘‘सर्दियों के मौसम में और गर्म पानी से स्नान के बाद त्वचा का रूखा हो जाना बहुत सामान्य सा अनुभव है, जो अधिकतर लोग महसूस करते हैं,’’ क्योंकि दोनों ही कारक आपकी त्वचा में मौजूद नैचुरल ऑइल्स को चुरा लेते हैं और त्वचा को पपड़ीदार व खुजली महसूस करने जैसा बना देते हैं. ‘‘लेकिन यह भी संभव है कि आपकी ड्राइ स्किन आपके भीतर निहित किसी गंभीर बीमारी का संकेत दे रही हो, जिनमें से कुछ है:
ऐटॉपिक डर्मैटाइटिस: त्वचा की इस समस्या की वजह से त्वचा के अवरोध की प्रकिया ख़राब हो जाती है और शरीर में मौजूद पानी की मात्रा जल्दी वाष्पित हो जाती है.
सोराइसिस: स्किन टर्नओवर का समय तेज़ हो जाने से त्वचा को परिपक्व यानी मैच्योर होने का समय नहीं मिलता अत: त्वचा की अवरोधक प्रक्रिया बाधित होने लगती है.
टाइप 2- डाइबिटीज़ मेलिटस: डाइबिटीज़ की वजह से नाड़ियों के फ़ाइबर्स प्रभावित होते हैं, जिससे डाइबिटिक न्यूरोपैथ होता है और इसकी वजह से शरीर से कम पसीना निकलता है, जिसकी वजह से त्वचा रूखी हो जाती है,’’ डॉ कुमार बताते हैं.
यदि आपकी त्वचा भी रूखी महसूस होती है तो हम सलाह देंगे कि आप अपने डर्मैटोलॉजिस्ट से मिलें, ताकि वे इसकी जांच कर सकें कि आपको इनमें से कोई बीमारी तो नहीं है.
Written by Shilpa Sharma on May 18, 2019
इन्हें भीतरी सुंदरता पर अटूट भरोसा है. इनका मानना है कि हर इन्सान अपने आप में बेहद ख़ूबसूरत है. ये मेकअप को सुंदरता का जश्न मनाने का बेहतरीन ज़रिया मानती हैं तो मुस्कान को चेहरे का सबसे सुंदर मेकअप! इन्हें पढ़ने-लिखने, लोगों से मिलने-जुलने और खाने-पीने का ख़ासा शौक़ है और इन चीज़ों को पाने के लिए यात्राएं करना बेहद पसंद है.