महिलाओं में अक्सर जो स्किन प्रोब्लम्स होती है, वो है ब्लेमिश यानी चेहरे पर दाग-धब्बे होना। इसके कारण ही आपका चेहरा कभी पूरी तरह से साफ व फ्लॉलेस नहीं दिखता है। जबकि हर महिला यह चाहती है कि उसकी स्किन अच्छी दिखे। स्किन ब्लेमिशेस में केवल एक्ने या दाग धब्बे नहीं होते हैं, बल्कि इससे भी ज्यादा समस्याएं होती है। इसलिए बेहद ज़रूरी है कि आप इस समस्या के लिए सही ट्रीटमेंट लें।
तो अब आप जानना चाहेंगे कि स्किन ब्लेमिशेस होता क्या है ? तो आपके इस सवाल का जवाब देने के लिए हमने मुंबई की डर्मेटोलॉजिस्ट और सेलेब्रिटी स्किन एक्सपर्ट डॉ बिंदू स्थालेकर से बातचीत की, उन्होंने इसके बारे में बताया, " स्किन ब्लेमिशेस एक ऐसा शब्द है, जो स्किन से जुड़ी समस्याओं, जैसे- रैशेज़, एक्ने, मास्कने, पिग्मेंटेशन, डार्क स्पॉट्स वगैरह से संबन्धित कहते हैं। डॉ स्थालेकर आगे कहती हैं " इन सबका कारण है लगातार मास्क पहन कर रखना और रोज़ाना ज़्यादा समय तक कम्प्यूटर स्क्रीन के सामने बैठकर काम करना।“
- 1. स्किन ब्लेमिशेस के प्रकार
- -एक्ने और एक्ने स्कार्स
- पिग्मेंटेशन
- मास्कने
- रैशेज
- 2. स्किन ब्लेमिशेज को होने से कैसे रोकें
- 3. ब्लेमिशेस को कम करने के लिए कैसा हो स्किनकेयर रूटीन
1. स्किन ब्लेमिशेस के प्रकार

डॉ स्थालेकर के अनुसार, “एक्ने और एक्ने के निशान, मेलेसमा, पिगमेंटेशन ज्यादातर सूर्य और ब्लू लाइट के कारण भी। रैशेज और रॉसेसिया स्किन ब्लेमिशेस के सामान्य प्रकार हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।“
-एक्ने और एक्ने स्कार्स

डॉ स्थालेकर कहती हैं , “एक्ने और एक्ने के निशान या स्कार महिलाओं में होने वाली सामान्य परेशानी है। यह मुख्य रूप से महिलाओं में हार्मोनल या एडल्ट एक्ने के रूप में दिखता है। इसके अलावा टीन एजर्स में यह फोरहेड एक्ने के रूप में भी दिखता है। मैं कोविड के दौरान इस समस्या को और बढ़ते हुए देख रही हूँ। इसका मुख्य कारण एक्सरसाइज कम करना और अनहेल्दी खाते रहना है। साथ ही गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल, अनहेल्दी डायट, स्ट्रेस, मेडिकेशन और पर्सनल हाइजीन का ख़याल नहीं रखना है। “
इलाज : एक्ने के इलाज का पहला तरीका है कि पहले यह जाना जाए कि इसकी वजह क्या है। इसके बाद ही आप जो इलाज करेंगी वह असरदार होगा। एक्ने को कम करने के लिए आपको अपना चेहरा दिन में दो बार धोना चाहिए। इसके लिए आपको मैटिफाइंग स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही स्ट्रेस को घटाने के लिए एक्सरसाइज़ करना चाहिए।
पिग्मेंटेशन

पिग्मेंटेशन स्किन पर डार्क स्पॉट्स को कहते हैं, जो बाद में चेहरे को उदासीन और बदरंग भी बना देता है। इसके मुख्य कारण धूप में अधिक रहना और एजिंग है। इसके और भी कुछ कारण होते हैं। इसके बारे में डॉ स्थालेकर कहती हैं " हम में से ज्यादातर लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, यानी हम अधिक समय कम्प्यूटर पर ही गुज़ार रहे होते हैं। इसके कारण ब्ल्यू लाइट एक्सपोज़र बढ़ता है, इससे फोटोडैमेज भी परेशानी बढ़ती है और यह चेहरे पर भूरे रंग का स्पॉट छोड़ देता है।“
ट्रीटमेंट : इससे डील करने का सबसे अच्छा तरीका है कि सनस्क्रीन हर दिन लगाया जाए। एक ऐसा सनस्क्रीन इस्तेमाल करें, जिसमें एसपीएफ कम से कम 50 हो और इसे हर घंटे चेहरे पर अप्लाई करते रहें।
मास्कने

मास्कने मुख्य रूप से आपके मुंह के पास होता है और यह पिछले कुछ महीनों से होना शुरू हुआ है, डॉ स्थालेकर बताती हैं, "यह लगातार मास्क लगाने के वजह से होना शुरू हुआ है। मास्कने एक्ने की ही तरह से होता है और ये उसी हिस्से में होता जो आप मास्क से कवर करती हैं। पसीने के कारण पोर्स क्लोग हो जाते हैं और एक्ने हो जाते हैं। “
ट्रीटमेंट : यह इस वक़्त बिलकुल सम्भव नहीं है कि मास्क न पहना जाये , डॉ स्थालेकर कहती हैं " अपने चेहरे को दिन दो बार एक अच्छे फेस वॉश से ज़रूर धोएं। इसके बाद एंटी बैक्टेरियल क्रीम भी लगाया जाये, इससे बैक्टेरिया को बढ़ने से रोका जा सकता है। अगर आपको लम्बे समय तक मास्क लगा कर रखना है, तो हर पांच मिनट के बाद मास्क हटा दें। अपने चेहरे को धोएं और फिर क्रीम लगाएं और फिर इसे दोबारा लगाएं। इससे मास्कने की समस्या कम होती जायेगी।
रैशेज

रैशेज का कारण अब भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। यह मुख्य रूप से स्किन इंफेक्शन के कारण होता है। रैशेज स्किन कलर को लगातार बदलता रहता है। इसका मुख्य कारण क्लाइमेट चेंज होता है। इसके अलावा धूप में ज़रूरत से ज्यादा निकलने, एलर्जिक रिएक्शन और कई बार किसी कीड़े के काट लेने की वजह से भी होता है।
ट्रीटमेंट
रैशेज को ट्रीट करने एंटी इन्फ्लेमेंटरी क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए, इससे रेडनेस और खुजली की समस्या कम होती जाती है। लेकिन अगर यह परेशानी कम नहीं होती है तो आपको एक अच्छे डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए, ताकि आगे आपकी यह समस्या और अधिक न बढ़े और स्किन को नुकसान न हो।
2. स्किन ब्लेमिशेज को होने से कैसे रोकें

- डेयरी प्रोडक्ट्स न लें, क्योंकि यह आपके शरीर में इन्फ्लेमेशन को बढ़ाता है, जिससे हार्मोनल इम्बैलेंस होता है। - कम से कम दस हजार स्टेप्स जरूर चलें।
30 मिनट का कोई एक्सरसाइज जरूर करें। यह आपको शारीरिक रूप से भी फिट रखेगा।
- योग, मेडिटेशन करें इससे हार्मोन्स को बैलेंस करने में और एंजाइटी यानी बेचैनी की प्रॉब्लम से भी छुटकारा मिलेगा।
- अच्छा स्किन केयर रूटीन फॉलो करें, खासतौर से सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
3. ब्लेमिशेस को कम करने के लिए कैसा हो स्किनकेयर रूटीन

- डॉ स्थालेकर कहती हैं कि आपको एक मुलायम फेस वॉश से अपने चेहरे को दिन में दो बार जरूर धोना चाहिए। इससे जो भी अतिरिक्त ऑयल है, गंदगी है, पसीना है और बाकी जो भी परेशानी है, वह सब दूर होंगे, यह पोर्स को क्लॉग होने से रोकेगा और एक्ने से भी छुटकारा
मिलेगा। - क्लींजिंग के बाद स्किन को प्रोटेक्ट करने के लिए बैक्टेरियल क्रीम ज़रूर लगाएं, यह आपकी स्किन पर बैक्टेरिया के ग्रोथ को रोकेगा और फिर ब्लेमिशेस की गुंजाईश कम होगी। -
सनस्क्रीन हर हाल में लगाएं। ऐसा डॉ स्थालेकर कहती हैं, “आप घर पर रहें या बाहर जाएं, आपको इसे लगाना ही है। जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि यह न सिर्फ आपको सूर्य की किरणों से बचाता है, बल्कि आप जो भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इस्तेमाल करते हैं, उससे ब्लू लाइट निकलती है, उससे हानि होने से भी बचाता है। “
Written by Suman Sharma on 17th Mar 2021