आंखों के आसपास की नाज़ुक त्वचा की देखभाल के आसान तरीके

Written by Shilpa Sharma16th Feb 2020
आंखों के आसपास की नाज़ुक त्वचा की देखभाल के आसान तरीके

आंखों के आसपास की त्वचा से जुड़ी आम समस्याएं, जिनसे अक्सर सभी दो-चार होते हैं, वे हैं: डार्क सर्कल्स, आंखों के आसपास सूजन आना या फिर क्रोज़ फ़ीट. जहां इनमें से किसी एक या सभी के होने के कुछ कारण होते हैं, वहीं आइ केयर रूटीन का सही ढंग से पालन न करना भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है.

जिस तरह आप अपने चेहरे की देखभाल के लिए कई तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं, ठीक उसी तरह यह भी बहुत ज़रूरी है कि आप रोज़ाना अपनी आंखों के आसपास के हिस्से की भी देखभाल करें.

तो क्या आप सोच रही हैं कि शुरुआत कैसे की जाए? आइए, हम आपकी मदद करते हैं. क्रीम का इस्तेमाल करने के अलावा (ये तो कम से कम आपको करना ही चाहिए), हम आपको यहां कुछ आसान और असरदार टिप्स बता रहे हैं, जो आपकी आंखों के आसपास के नाज़ुक हिस्से की देखभाल में आपकी मदद करेंगे.

 

आइ मेकअप को सौम्यता से उतारें

आइ मास्क्स लगाने को अपने रूटीन में शामिल करें

क्या आप आइ मेकअप, जैसे-आइलाइनर या आइशैडो उतारते समय अपनी आंखों को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ती हैं? यदि आपका जवाब ‘हां’ है तो हम आपको सलाह देंगे कि ऐसा करना तुरंत बंद कर दीजिए. यह आपकी आंखों के आसपास बारीक रेखाओं और झुर्रियों के बनने का बड़ा कारण है, जिससे यहां की त्वचा उम्रदराज़ दिखाई देती है. मेकअप उतारने के लिए एक कॉटन पैड को मेकअप रिमूवर में भिगोएं और अपनी आंखों पर रखकर मेकअप को सौम्यता से पोछ लें.

 

सनस्क्रीन लगाएं

आइ मास्क्स लगाने को अपने रूटीन में शामिल करें

आपके चेहरे के बाकी हिस्से की तरह ही आंखों के आसपास के हिस्से को भी धूप से उतना ही नुकसान पहुंचता है अत: एसपीएफ़ वाली क्रीम लगाकर यहां की त्वचा को भी सुरक्षित रखें. आप चाहें तो एसपीएफ़ फ़ॉर्मूला वाली आइ क्रीम लगा सकती हैं या फिर अपना सनस्क्रीन भी इस हिस्से पर लगा सकती हैं. इनमें से जो भी आपको बेहतर लगता हो, इस्तेमाल करें. हां, यदि आप इस हिस्से पर सनस्क्रीन लगा रही हैं तो इस बात पर ध्यान दें कि यह आपकी आंखों में न घुसने पाए.

 

आइब्रोज़ को वैक्स करने से बचें

आइ मास्क्स लगाने को अपने रूटीन में शामिल करें

जब भी आप आइब्रोज़ के आसपास की त्वचा को खींचती हैं, त्वचा की सबसे ऊपरी पर्त को नुकसान पहुंचता है. अत: यहां वैक्सिंग करने की जगह थ्रेडिंग या ट्वीज़िंग के विकल्प को चुनें, क्योंकि ये दोनों तरीके वैक्सिंग की तुलना में आपकी त्वचा को कम नुकसान पहुंचाते हैं.

 

आंखों के इस हिस्से की नियमित रूप से मालिश करें

आइ मास्क्स लगाने को अपने रूटीन में शामिल करें

आंखों के आसपास के हिस्से की देखभाल का यह वो तरीका है, जिसे अक्सर हम सभी उपेक्षित कर देते हैं. इस नाज़ुक हिस्से की सौम्यता से मालिश करने से यहां मौजूद सूजन, डार्क सर्कल्स, बारीक रेखाएं और ऐसी ही कई आम समस्याओं में राहत मिलती है. इस प्रक्रिया को नियमित रूप से करेंगी तो कुछ ही दिनों में आपको यहां की त्वचा में सुधार होता नज़र आएगा.

 

आइ मास्क्स लगाने को अपने रूटीन में शामिल करें

आइ मास्क्स लगाने को अपने रूटीन में शामिल करें

फ़ेस मास्क्स की ही तरह आइ मास्क्स भी आंखों के निचले हिस्से को तरोताज़ा और पुनर्जीवित करने का काम करते हैं. ये मास्क्स इस हिस्से के लिए ज़रूरी पोषक तत्व और विटामिन की खुराक पहुंचाते हैं, जिससे आंखों के आसपास का यह नाज़ुक हिस्सा सुरक्षित रहता है, भरा-भरा और जवां दिखाई देता है.

Shilpa  Sharma

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इन्हें भीतरी सुंदरता पर अटूट भरोसा है. इनका मानना है कि हर इन्सान अपने आप में बेहद ख़ूबसूरत है. ये मेकअप को सुंदरता का जश्न मनाने का बेहतरीन ज़रिया मानती हैं तो मुस्कान को चेहरे का सबसे सुंदर मेकअप! इन्हें पढ़ने-लिखने, लोगों से मिलने-जुलने और खाने-पीने का ख़ासा शौक़ है और इन चीज़ों को पाने के लिए यात्राएं करना बेहद पसंद है.

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