आजकल सेमी-परमानेंट मेकअप प्रोसीज़र्स जैसे-माइक्रो ब्लेंडिंग, आइशैडो एक्सटेंशन, फ़िलर्स, आइलाइनर टैटूज़ ख़ूब पॉप्युलर हो रहे हैं. दिन-ब-दिन इनकी पॉप्युलैरिटी बढ़ती जा रही है. इनमें से ज़्यादातर प्रोसीजर अफ़ॉर्डेबल, समय बचानेवाले और बिना दर्द के कराए जा सकनेवाले होते हैं. इन्हें कराना और भी आसान और सहज होता जा रहा है, क्योंकि ज़्यादार डर्मैटोलॉजिस्ट और स्थेटीशियन्स अपने यहां प्रदान की जानेवाली सेवाओं में इन्हें शामिल कर रहे हैं. इससे एक बात साबित हो जाती है-परमानेंट मेकअप की डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है.
जहां कुछ लोग अपने फ़ीचर्स को उभारने के लिए पिग्मेंटेड टैटूज़ बनवाते हैं, तो कुछ लोग पूरी तरह से अपने लुक को बदलने में विश्वास रखते हैं. उदाहरण के लिए लिप ब्लशिंग को ही लें-यह प्रोसीजर उन महिलाओं द्वारा अपनाया जा रहा है, जो अपने होंठों की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाना चाहती हैं. लिप ब्लशिंग अपनाने से पहले आपको इन बातों का ध्यान आपको रखना चाहिए.
- क्या है लिप ब्लशिंग?
- लिप ब्लशिंग, लिप टैटूइंग से कैसे अलग है?
- लिप ब्लशिंग कराने से पहले आपको इन बातों की तसल्ली कर लेनी चाहिए
क्या है लिप ब्लशिंग?

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पहली बात तो यह कि लिप ब्लशिंग एक सेमी-परमानेंट मेकअप प्रोसीज़र है, जो आपके होंठों की ख़ूबसूरती को बढ़ाने के लिए किया जाता है. इसमें होंठों पर सूइयों की मदद से पिग्मेंटेड इंक डिपॉडज़िट किया जाता है. यह आपके को होंठों फ़ुलर बनाने के लिए किया जाता है. और आकर्षक टिंट्स होंठों को नैचुलर लुक देते हैं. यह प्रोसीज़र डिफ़ाइन्ड लिप लाइन पाने में मददगार है, वह भी फ़ेक लगे बिना. यह लिप टैटू की तुलना में अधिक सेफ़ भी है. यही कारण है कि यह उन युवा लड़कियों में काफ़ी पॉप्युलर हो रहा है, जो टैटू गन से अपने होंठों पर किसी तरह का निशान या डेमैज नहीं चाहतीं.
लिप ब्लशिंग, लिप टैटूइंग से कैसे अलग है?

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लिप ब्लशिंग को अक्सर लिप टैटूइंग से कन्फ़्यूज़ कर दिया जाता है. लिप ब्लशिंग में होंठों को पिग्मेंटेड किया जाता है, इसके लिए पिक्सलेटिंग या शेडिंग टेक्नीक का इस्तेमाल किया जाता है. ये आपकी त्वचा की रंगत से मैच करने के लिए कस्टमाइज़ किए जाते हैं. इस प्रोसीज़र को कराने के हीलिंग प्रोसेस तेज़ होती है. सबकुछ 5 से 10 दिनों में ठीक हो जाता है. इसका प्रभाव बिना किसी रीटच सेशन के बिना ही दो साल तक चलता है.
लिप ब्लशिंग कराने से पहले आपको इन बातों की तसल्ली कर लेनी चाहिए

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अब जबकि आप जान चुकी हैं कि लिप ब्लशिंग क्या है, आइए जानते हैं वो कौन-सी ज़रूरी बातें, जो लिप ब्लशिंग प्रोसीज़र अपनाने से पहले आपको ध्यान में रखनी चाहिए.
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं लिप ब्लशिंग से आप मनमुताबिक़ टिंट पा सकती हैं. आपको अपने एस्थेटिशियन से ठीक तरह से सलाह-मशविरा कर लेना चाहिए. वो बताएंगे कि कौन-सा शेड आपके लिए सही रहेगा. ज़्यादातर महिलाएं अपने नैचुरल टोन की तुलना में हल्के शेड का विकल्प चुनती हैं. इससे उनकी डार्क लिपस्टिक और लिप लाइनर्स उभरकर दिखते हैं.
दूसरे टिंटिंग प्रोसीज़र्स की तरह लिप ब्लशिंग करने से पहले टॉपिकल नम्बिंग क्रीम लगाया जाता है. इससे वहां की त्वचा सुन्न हो जाती है. जब आप किसी अनुभवी प्रोफ़ेशनल से लिप ब्लशिंग कराते हैं, तब आपको पूरी प्रक्रिया के दौरान महज़ चींटी काटने जैसा हल्का-सा सेंसेशन होता है. इसके साइड इफ़ेक्ट्स भी नहीं हैं. बेशक आपको ट्रीटमेंट के बाद की सारी सावधानियों का पालन करना होता है और कुछ दिनों तक होंठों को छूना या रगड़ना नहीं होता.
लिप ब्लशिंग इस प्रोसीज़र को कराने में ज़्यादा समय नहीं लगता. प्रोफ़ेशनल्स इसे 30 मिनट से 1 घंटे तक में कर देते हैं. ज़ाहिर है, कंसल्टेशन और नम्बिंग क्रीम के असर करने में लगनेवाले समय के अलावा (क्योंकि इसमें अलग-अलग व्यक्तियों को अलग-अलग समय लगता है).
मेन फ़ोटो साभार: @emrata
Written by Amrendra Yadav on 3rd Sep 2020
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