वज्रासन के फायदे - सेहत के लिए ज़रूरी है वज्रासन, जानें इसे करने का सही तरीका

Written by Suman Sharma13th Oct 2020
वज्रासन के फायदे - सेहत के लिए ज़रूरी है वज्रासन, जानें इसे करने का सही तरीका

यदि आप फिट रहना चाहते हैं तो योग बेहद ज़रूरी है। ख़ासतौर पर तब जबकि अधिकतर लोग घर से ही काम कर रहे हैं, वे अधिक वर्क आउट नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि घर पर ही ऐसे योगासन किए जाएं, जो आपको फिट रखने में मदद करें। यह बिलकुल ज़रूरी नहीं है कि आप शुरुआत में ही बहुत भारी योगासन करें। लेकिन यह ज़रूरी है कि आप जो भी करें, उसे सही तरीके से करें, तभी यह आपके लिए लाभदायक साबित होगा। ऐसे ही योगा के कई आसनों में से एक है वज्रासन। इस आसन की ख़ास बात यह है कि यह बहुत कठिन भी नहीं होता है और कम समय में ही इसे करने से शरीर को काफी लाभ भी पहुंचता है। तो आइए जानते हैं, वज्रासन के बारे में वे सारी बातें, जो आपको पता होना चाहिए, ताकि आप नियमित रूप से यह आसन कर सकें ।

 

वज्रासन क्या है

वज्रासन किन लोगों को नहीं करना चाहिए

वज्रासन का मतलब संस्कृत में वज्र शब्द से है।हमने अक्सर सुना है, कि इस जगह काफी वज्रपात हो गया। यह शब्द वहीं से आया, जिसका मतलब आकाश में चमकने वाली बिजली ही है और वज्रासन का नाम वहीं से बना है। वज्रासन को योगासन में काफी अहमियत दी जाती है, चूंकि इसमें आप आसानी से एक ही पोज़ में बैठ कर और भी कई आसन कर सकते हैं, जिनमें अनुलोम विलोम, प्राणायाम, कपालभाति जैसे कई आसन किए जा सकते हैं। यह आसन घुटनों को मोड़कर, फिर पैर पर बैठ कर करने वाला आसन होता है। इसके बारे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह बात मानी जाती है कि यह एक स्थिर मुद्रा वाला आसन है। इसे करने से आपमें दृढ़ता आती है। मन शांत होता है और एक जगह पर ध्यान लगाने में आसानी होती है। हालांकि लम्बे समय तक इस आसन में बैठना मुश्किल होता है, लेकिन जो दृढ़ होते हैं, वह यह कर ही लेते हैं।

 

वज्रासन करने से पहले किन बातों को जानना जरूरी है

वज्रासन किन लोगों को नहीं करना चाहिए

इस योगासन की ख़ास बात यह है कि इसमें यह नियम लागू नहीं होता कि इसे खाली पेट ही करना है, जो अक्सर बाकी आसनों के लिए माना जाता है। यह आसन आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है, इसलिए खाने के बाद, उसे पचाने के लिए पांच से दस मिनट इस आसन में बैठना चाहिए।

 

वज्रासन सही तरीके से करें तो होगा पूरा फ़ायदा

वज्रासन किन लोगों को नहीं करना चाहिए

आसन बिछा कर सामान्य मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपनें दोनों पैरों को सामनें की और फैला दें। अब अपने शरीर का वज़न बाईं और थोड़ा झुका कर अपनें दाएं पैर को घुटनें से मोड़कर दाएं कूल्हे के नीचे लगा दें। और फिर उसी ओर अपने शरीर का वज़न ले जा कर अपने बाएं पैर को भी घुटनें से मोड़ कर बाएं कूल्हे के नीचे लगा दें। ध्यान रहे कि आपके दोनों पैरों के पंजे इस तरह मुड़े होने चाहिए कि आप उन पर अपने कूल्हे टिका सकें। पैरों की दोनों ऐडियों में इस प्रकार से अंतर होना चाहिए जिससे दोनों पैरों के अंगूठे एक दूसरे से छू सकें। अब अपनें दोनों हाथों के पंजों को अपने घुटनों पर लगा दें। दोनों हथेलियां घुटनों की ओर होनी चाहिए। वज्रासन में बैठ कर शरीर को सीधा रखें। कमर और कंधों को झुकाएं नहीं। अब नाक से गहरी सांस लें। वज्रासन करने से पहले एक्सपर्ट बताते हैं कि अर्ध शलभासन और शलभासन जैसे आसन करने से काफी लाभ मिलता है। वहीं इस आसन को करने के बाद अगर बालासन, शवासन और मक्रासन किया जाये तब भी अच्छे रिजल्ट सामने आते हैं।

वज्रासन के पोज़ जानना है ज़रूरी

अक्सर हमें ऐसा लगता है कि हम तो काफ़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन कोई भी फ़ायदा नहीं हो रहा है। लेकिन सच यह है कि आसन के साथ यह होता है कि उसे अगर सही तरीके से न किया जाये तो कुछ भी रिज़ल्ट नहीं मिलता है। इसलिए हर आसान के सही पोज़ जानना बेहद जरूरी है। साथ ही आपको इस बात का भी ख़याल रखना चाहिए कि अगर आप इस आसन को एक ही दिन में अधिक बार कर लेंगे और अधिक देर के लिए कर लेंगे तो यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए धीरे-धीरे ही इस आसन की अवधि बढ़ानी चाहिए।

शुरुआत में

जो लोग शुरुआत में वज्रासन करते हैं, उनके पैरों में दर्द होता है तो इस बात से घबराने की ज़रूरत नहीं है। मगर इसके बावजूद आपके पैरों में दर्द होता है तो आपको एक बार उठ कर, खड़े होकर, अपने पैरों को सामने की तरफ करके पूरे बदन को सीधा करना चाहिए। इसके बाद ही आगे बढ़ना चाहिए। वैसे जब आप इसे अभ्यास में ले आएंगे तो फिर आपको कोई ख़ास परेशानी नहीं होगी। बाद में आपका शरीर और ख़ाससतौर से आपकी पीठ का जो निचला हिस्सा है, वह इसके लिए तैयार हो जायेगा तो कोई परेशानी ही नहीं होगी।

 

एडवांस पोज़ - सुप्त वज्रासन

वज्रासन किन लोगों को नहीं करना चाहिए

वज्रासन में जो एडवांस पोज़ है, उसे सुप्त वज्रासन कहते हैं। इसमें आप वज्रासन में ही बैठ जाएं और कोशिश करें कि पीछे झुकें और फिर दोनों हाथ को और कोहनी को ज़मीन पर लगा दें। आपको यक़ीन नहीं होगा, लेकिन अगर आप इसे नियमित रूप से करेंगे तो आपको इस आसन से पीठ और गर्दन में होने वाली सारी परेशानी से निजात मिल जायेगी। यहीं नहीं यह आसन फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं को भी कम करता है।

 

वज्रासन करने के फ़ायदे

वज्रासन किन लोगों को नहीं करना चाहिए

अब जैसा कि हमने आपको बताया कि इस आसन के काफ़ी सारे फ़ायदे होते हैं, तो आइये उनके बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

1. नियमित रूप से वज्रासन करने से सबसे पहला फ़ायदा तो यही होता है कि इससे आपकी पाचन की शक्ति बढ़ती है और पेट से संबंधित सारी समस्याएं दूर होती हैं। इसे करने से कब्ज़ की परेशानी से भी छुटकारा मिलता है।

2. इस आसन को करने से अल्सर जैसी बीमारी भी भाग जाती है और एसिडिटी की परेशानी से निजात मिलती है।

3. यह आसान आपकी मांसपेशियों को भी मज़बूत करता है।

4. महिलाओं के लिए भी यह आसन काफी अच्छा है, इसे करने से प्रसव पीड़ा कम होती है, डॉक्टर ये आसन करने की सलाह देते हैं।

5 . इस आसन को करने से ध्यान एकाग्र करने की कला में इजाफा हो जाता है।

6. यह एक ऐसा आसन है, जिसे आप टीवी देखते हुए भी कर सकते हैं।

7. इसे करने से चंचल मन शांत होता है।

8. वज्रासन करने से मानसिक थकान कम हो जाती है और मूड फ्रेश हो जाता है।

9. इस आसन को करने से हमारा ब्लड सर्कुलेशन अच्छा हो जाता है और फिर इससे हृदय पर दबाव नहीं पड़ता है।

10. इस आसन की वजह से हमारी बॉडी काफी फर्म भी हो जाती है और यह शरीर को सुडौल बनाये रखने में मदद मिलती है।

11. गठिया, जॉइंट पेन, वेरीकोज़ जैसी बीमारियों को दूर रखने के लिए भी इस आसन को नियमित करना चाहिए

 

वज्रासन किन लोगों को करना चाहिए

वज्रासन किन लोगों को नहीं करना चाहिए

यह आसन उन लोगों को ज़रूर करना चाहिए, जो ज़्यादातर लंबे समय तक बैठ कर काम करते है या फिर खड़े होकर काम करते हैं। दोनों के लिए यह आसन बहुत अच्छा है, इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी। पेट को सुडौल बनाए रखना चाहते हैं तो वह भी यह आसन आपके लिए उपयुक्त है। जो महिलाएं अधिक पीरियड आने से परेशान रहती हैं या फिर उन्हें पीरियड के दौरान दर्द होता है, उन्हें भी यह आसन करना चाहिए।

 

वज्रासन किन लोगों को नहीं करना चाहिए

वज्रासन किन लोगों को नहीं करना चाहिए

जिन लोगों के पैरों में या घुटनों में दर्द है, उन्हें यह आसान करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, साथ ही जिन्हें ऑस्टियोपोरोसिस की शिकायत है, उन्हें भी यह आसन करने से बचना चाहिए।

कितनी देर करना चाहिए

इस आसन को ज़्यादा-से-ज़्यादा आधा घंटे और कम-से-कम दस मिनट करना चाहिए।

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