स्कैल्प इंफेक्शन, फिर चाहे वह कम हो या फिर बहुत ज्यादा दोनों ही चिंता का विषय है। लेकिन इस परेशानी को किस तरह सुलझाया जाए? हमने इसके लिए एक एक्सपर्ट से बातचीत की। डॉ मोनिशा अरविन्द, एम.डी.डीवीएल, पीडीएफसी एस्थेटिक डर्मेटोलोजिस्ट एंड को-फाउंडर अरमोरा स्किन, हेयर एंड लेजर क्लीनिक, चेन्नई कहती हैं, “अगर व्यापक तौर पर कहा जाये, तो स्कैल्प इंफेक्शन होने की बड़ी वजह फंगस, बैक्टेरिया और वायरस है"। इन्होने यह भी बताया कि बालों की सेहत की बात हो तो इसमें स्कैल्प की अहम भूमिका होती है, क्योंकि बालों का दिल अगर कहा जाये, तो वह स्कैल्प ही होता है। इसका कारण है कि बालों को जो ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं, वह स्कैल्प की जड़ों से ही मिलते हैं। इसलिए अगर इंफेक्शन का जल्द से जल्द उपचार न किया जाये, तो इससे हेयर लॉस की संभावना यानी बालों का झड़ना शुरू हो जायेगा। इस बात की भी संभावना है कि यह बालों के कुछ हिस्सों में पूरी तरह से बालों के ग्रोथ को रोक दे, जहां इंफेक्शन हुआ है। कभी-कभी तो इसके रोम भी नष्ट हो जाते हैं और जिससे स्थाई निशान पड़ जाते हैं।

तो ऐसे में स्कैल्प में हुए इंफेक्शन से किस तरह छुटकारा पाया जाए और क्या कारण है इन्फेक्शन के, यह जानना बेहद ज़रूरी है। तो यहां हम आपको कुछ बड़े स्कैल्प इंफेक्शन के बारे में और उनके कारणों के बारे में बता रहे हैं।

 

स्कैल्प इंफेक्शन के प्रकार

स्कैल्प इंफेक्शन के प्रकार

1 . डैंड्रफ- सेबोररेक डर्मेटाइटिस (Seborrheic Dermatitis): एक सामान्य, स्कैल्प इंफेक्शन, जिससे काफी लोग जूझते हैं, वह है डैंड्रफ यानी रूसी। डैंड्रफ होने की वजह है मलासेजिया, यह एक ऐसा जीव होता है, जो हमारे स्कैल्प में एक कमेंसल के रूप में मौजूद होता है। यह उस वक़्त बढ़ जाता है, जब स्कैल्प काफी ड्राई हो जाती है और ऑयल प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जिससे स्कैल्प का एनवारोमेंट खराब हो जाता है और बालों में डैंड्रफ हो जाता है। इसके अलावा तनाव इमोशनल और शारीरिक तनाव, अल्कोहल, खाना -पान में गड़बड़ी और अत्यधिक पसीना आने से भी डैंड्रफ की समस्या होती है।

2 . टीनिया कैपिटिस (Tinea Capitis): यह एक तरह का फंगल इंफेक्शन होता है, जो डर्मैटोफाइट फंगस के कारण होता है, इसकी वजह से बालों का गिरना तो शुरू होता ही है, साथ ही यह धब्बों के रूप में भी स्कैल्प पर उभर जाता है, कई बार यह काले-काले बिंदुओं जैसा भी दिखता है। कई बार स्कैल्प में फोड़े की तरह तो, कई बार पीली पपड़ी की तरह नजर आता है। इस समस्या की अहम वजह दूसरों के साथ तौलिये, टोपी, कंघी, तकिया जैसी चीजों के आदान-प्रदान से होता है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी तेजी से फैलता है।

3 . फॉलिक्युलिटिस (Folliculitis): यह छोटे दानों, जैसे मुंहासों की तरह स्कैल्प पर उभरता है। फॉलिक्युलिटिस दर्दनाक होता है और यह गुच्छों में होता है । इसका मुख्य कारण स्कैल्प का गंदा होना। जो लोग हायजीन का खयाल नहीं रखते उनमें यह ज़्यादा होता है और उन्हें भी, जिनकी इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड यानी जिनकी इम्युनिटी बहुत कम होती है।

4 . एलोपेशिया एरिएटा (Alopecia Areata ): स्कैल्प की वह स्थिति है, जिसमें बाल पैच के रूप में निकलते हैं। इसका कारण है इम्युन सिस्टम में गड़बड़ी होना, जिसकी वजह से हेयर फॉलिकल्स डैमेज हो जाते हैं। यह तब भी होता है, जब बैक्टेरिया या फंगस हेयर फॉलिकल पर हमला करते हैं।

5 . लीक यानी पेडिक्युलोसिस कैपिटिस (Pediculosis Capitis) : एक बार अगर बालों में लीक हो जाय तो इससे छुटकारा पाना सबसे मुश्किल है। दूसरा, इसकी कोई गारंटी नहीं होती कि एक बार ट्रीटमेंट के बाद, यह दोबारा नहीं होंगे। जब लीक और जूंएं बालों में घर बना लेती हैं तो इसकी वजह से बाल झड़ने और गिरने शुरू हो जाते हैं।

6. वायरल वार्ट्स (Viral Warts): ये इंफेक्शन रफ बंप्स के रूपमे स्कैल्प पर होता है और इसमें कोई दर्द महसूस नहीं होता है। यह ज़्यादातर सलोन में जाकर बाल कटवाने या वहां के सामान ( कंघी, तौलिया, कैंची या वहां के किसी उपकरण जो स्टर्लाइज़ न किए गए हों) के इस्तेमाल के कारण होता है। इसका उपचार जितनी जल्दी कर लिया जाये, उतना अच्छा होता है, वरना यह आपके शरीर के बाकी हिस्सों को भी संक्रमित करने में वक़्त नहीं लगायेगा।

 

स्कैल्प इंफेक्शन को ख़त्म करने के लिए एक्सपर्ट टिप्स

स्कैल्प इंफेक्शन को ख़त्म करने के लिए एक्सपर्ट टिप्स

1 . अपने स्कैल्प को हमेशा साफ़ करते रहें। कम से कम हफ्ते में दो बार ज़रूर धोएं। रूसी और लीक से छुटकारा पाने के लिए किसी एंटी डैंड्रफ या एंटी लीक शैम्पू का इस्तेमाल करें। डैंड्रफ शैम्पू को कम-से-कम अपने स्कैल्प पर पांच से दस मिनट तक लगाए रखने के बाद ही उसे धोएं।

2 . अगर आप स्कैल्प के हाइजीन का पूरी तरह से ध्यान रखेंगी, तो निश्चित तौर पर आप स्कैल्प इंफेक्शन को मिटा सकती हैं। ध्यान रखें कि किसी के साथ भी कंघी, टोपी या तौलिया वगैरह शेयर न किया करें। अपने स्कैल्प को सही शैम्पू से वॉश करें, इसके लिए आपको अपने बालों और स्कैल्प की स्थिति का भी पूरा ज्ञान होना चाहिए, ताकि उचित हाइजीन को बरक़रार रखा जा सके।

3 . इस बात का खास ख़याल रखें कि आप किसी अच्छे ऑथेंटिक सलोन में ही हेयर कट, मसाज के लिए जाएं, वहां इस बात का भी ध्यान रखें कि वे वहां जो कंघी, कैंची, तौलिये वगैरह का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे चीजें साफ़ हैं कि नहीं।

4. अपने स्कैल्प की जड़ों में तेल लगाकर उसे रातभर न छोड़ें, ख़ासतौर से नारियल का तेल। क्यों ? क्योंकि तेल, फंगस और बैक्टेरिया को पनपने में मदद करता है।

5 . अपने स्कार्व्ज़, हेल्मेट्स या हेड गियर जैसी चीजों को हमेशा साफ़ करती रहें, ताकि इंफेक्शन आपके स्कैल्प से कोसों दूर रहे। 6 . अपने स्कैल्प पर पीएच युक्त बैलेंस्ड शैम्पू का इस्तेमाल ज़रूर करें, खासतौर से वर्क आउट के बाद, क्योंकि पसीना बालों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है।

 

स्कैल्प इंफेक्शन ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

स्कैल्प इंफेक्शन ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

यदि स्कैल्प इंफेक्शन का ट्रीटमेंट सही समय पर नहीं किया गया तो कुछ इन्फेक्शन ऐसे हैं, जो परमानेंटली स्कैल्प को डैमेज कर सकते हैं, इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि आपको कब इसके लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस बारे में डॉ मोनिशा कहती हैं, “सारे स्कैल्प इंफेक्शन आपको परेशान नहीं करते, क्योंकि डैंड्रफ एक सामान्य समस्या है, जिससे लगभग हर कोई जूझता है और इसे एंटी डैंड्रफ शैम्पू से भी ट्रीट किया जा सकता है। लेकिन अगर आपको हेयर लॉस या बाल झड़ने की समस्या शुरू हो जाये, या फिर उसकी वजह से जो धब्बे, तेज़ खुजली, दर्द, घाव या मवाद जैसा कुछ निकलने लगे, या फिर पीली पपड़ी या फिर स्कैल्प में लाल सूजन जैसी समस्या होने लगे, तो आपको फौरन बिना देर किए एक स्किन विशेषज्ञ से परामर्श कर लेना चाहिए।