सोरायसिस स्किन से संबंधित एक ऐसी परेशानी है, जिसे अपरस कहा जाता है। यह शरीर से जुड़ी ऑटोइम्यून बीमारी है, इसमें कोशिकाएं अधिक जमने लगती है. सोरायसिस रोग तभी होता है, जब रोग प्रतिरोधक तंत्र स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करता है. इससे त्वचा की कई कोशिकाएं बढ़ जाती है, जिससे त्वचा पर सूखे और कड़े चकत्ते से बन जाते हैं. कई बार इसमें में दर्द और सूजन होने लगती है। इसे नजर अंदाज़ करना सही नहीं है, क्योंकि इससे आपका शरीर बुरी तरह से कमजोर होने लगता है। सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है. इसलिए सोरायसिस के लक्षणों के प्रति जागरूक रहना बहुत आवश्यक है और इसके कुछ खास लक्षणों को देखकर रोग के इलाज के बारे में सोचना चाहिए और डॉक्टर से बात करनी चाहिए. लेकिन यह भी सच है कि अगर कुछ सावधानियां बरती जाएँ तो परेशानी से छुटकारा मिल सकता है। तो आइये इस बीमारी से लड़ने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में जानते हैं।
- प्लेक सोरायसिस
- गटेट सोरायसिस
- सोरियाटिक अर्थराइटिस
- एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस
- इनवर्स सोरायसिस
- कैसे पहचानें कि आपको यह रोग हो रहा है ?
- सोयरसिस होने के कारण
- सोरायसिस के लिए घरेलू इलाज
- कब डॉक्टर से सम्पर्क करें
प्लेक सोरायसिस

प्लेक सोरायसिस एक सोरायसिस है। इसमें शरीर पर सिल्वर(चांदी) और सफ़ेद लाइन बन जाती है। इसमें सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि त्वचा पर लाल रंग के धब्बे हो जाते हैं और इसके साथ जलन भी होती है। यह ज्यादातर कोहनी, घुटने, सिर, पीठ के नीचे की ओर हो जाती है। इसके बाद स्किन से चकत्ते निकलने लगते हैं।
गटेट सोरायसिस

यह परेशानी अधिकतर बच्चों में हो जाती है। बच्चों के हाथ-पांव, गले, पेट और पीठ पर यह परेशानी होती है। ज्यादातर यह ऊपरी हिस्से, जांघ और सिर पर भी हो जाती है। कई बार तनाव के कारण या स्किन में अगर किसी तरह की चोट लगी होती है या फिर आपने हद से अधिक दवाइयों का सेवन किया होता है, तो उससे यह परेशानी होती है। कई बार यह प्लेक सोरायसिस में भी तब्दील हो जाती है।
सोरियाटिक अर्थराइटिस

यह प्रॉब्लम सोरायसिस और आर्थराइटिज के जोड़ से होता है। कई रोगियों में यह परेशानी 10 साल की उम्र से शुरू हो जाती है।
एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस

यह परेशानी सबसे अधिक चेहरे पर होती है। इसमें चेहरे पर लाल चकत्ते हो जाते हैं, शरीर का तापमान बढ़ जाता है, हृदय की गति में भी बदलाव आ जाता है और इससे स्किन में खुजली व जलन भी हो जाती है। कई बार इस सिचुएशन में निमोनिया भी हो जाता है।
इनवर्स सोरायसिस

इसमें स्तनों के नीचे, अंडर आर्म्स में और जांघों के ऊपर वाले हिस्से में बड़े चकत्ते बन जाते हैं। यह ज्यादातर पसीने और रगड़ने के कारण फैलता है।
कैसे पहचानें कि आपको यह रोग हो रहा है ?

- अगर आपके शरीर में लाल चकत्ते हो जाएं
- लाल चकत्तों पर सफ़ेद पपड़ी पड़ जाये तो
- स्किन बहुत अधिक ड्राई हो जाये, इतना कि उससे खून निकलने लगे
- स्किन में दर्द होना
- स्किन में खुजली और जलन महसूस होना
- जॉइंट्स में जलन और सूजन की समस्या होने पर
सोयरसिस होने के कारण

इसके मुख्य कारण है कि यह शरीर की इम्युनिटी को घटाने लगता है और इसकी वजह से कोशिकाएं तेजी से बनने लगती हैं। यह जेनटिक बीमारी भी है। एक जेनेरेशन से दूसरे जेनेरेशन में बढ़ती जाती है। यह कई बार वायरल और बैक्टेरियल इंफेक्शन के कारण भी होता है। कई बार मधुमक्खी के काटने से भी यह परेशानी होती है।
सोरायसिस के लिए घरेलू इलाज

- प्रभावित एरिया पर हल्दी और गुलाब पानी का लेप दिन में दो बार लगाया जाए, तो इससे सोरायसिस ठीक होता है।
- रोज़ाना फिटकरी के पानी से नहाया जाए तो काफी फायदा होता है। इससे खुजली और ड्राइनेस दूर होती है। इसके लिए नहाने के पानी में 2 कप फिटकरी डाल लें।
- जिस जगह पर परेशानी होती है, वहां एलोवेरा लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें। नियमित रूप से इसे लगाने से खुजली से आराम मिलता है।
- सोरायसिस होने पर अगर टी ट्री ऑयल के पौधे पीस कर लगाया जाए, तो इससे ड्राइनेस खत्म हो जाती है। आप हर रात सोने से पहले जैतून के तेल के साथ टी ट्री ऑयल मिलाकर लगा सकते हैं। इस रात भर लगाकर रखें और सुबह गर्म पानी से धो लें।
- करेले का रस सोरायसिस में काफी फायदा होता है। आप अपने दिन की शुरुआत एक गिलास करेले के रस से करें, तो इससे काफी फायदा होता है।
- एक चम्मच जैतून के तेल में २-३ बूंदें अजवाइन के डाल कर लगाने से इस रोग में राहत मिलती है. चाहें तो जैतून के तेल के साथ टी ट्री ऑयल को मिलाकर लगा सकते हैं।
- नहाते वक़्त अगर सेंधा नमक मिला कर नहाया जाये तो इससे काफी फायदा होता है।
- सोरायसिस में अगर नीम का लेप लगाया जाए तो उससे आराम मिलता है।
- सोरायसिस में मंजिष्ठा एक बेहतरीन आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, इसे काढ़े के रूप में पीना चाहिए।
- सोरायसिस होने पर कोशिश होनी चाहिए कि केमिकल या किसी भी तरह के डाई से बचना चाहिए, इससे स्किन में जलन की समस्या होती है। इसलिए अधिक खुशबूदार वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- सोरायसिस होने पर लाइट थेरेपी लिया करें, इससे भी काफी फायदा होता है। लाइट थेरेपी किसी अच्छे जानकार के सामने ही करें।
- सेब के सिरके को गर्म पानी में मिला कर उस पानी से प्रभावित क्षेत्र को सेंकना चाहिए।
- इस बीमारी में आपको फिश ऑयल खाते रहना चाहिए। इससे भी काफी फायदा होता है।
- इस दौरान इस बात का खास ख़याल रखना चाहिए कि किसी भी दवा का साइड इफेक्ट ना हो, क्योंकि यह सोरायसिस का कारण बनता है।
- सोरायसिस के दौरान आपको पौष्टिक भोजन खाना चाहिए, साथ ही तनाव मुक्त जीवन शैली अपनाना चाहिए।
कब डॉक्टर से सम्पर्क करें

यदि आपको सोरायसिस जैसे लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, क्योंकि सोरायसिस घरेलू इलाज के अलावा डॉक्टर की दवाइयों से ठीक हो है।
Written by Suman Sharma on 22nd Apr 2021