तो आपको इस बात का एहसास ही नहीं था कि भारतीय त्वचा दाग धब्बों और हाइपरपिग्मेंटेशन के लिए बहुत संवेदनशील है? सूरज की किरणों, मुहांसों, उम्र का बढ़ना, हॉर्मोन्स का असंतुलन और अनुवांशिक (जेनेटिक) कारणों के चलते दाग धब्बे और हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या हो सकती है. ये नुकसानदेह तो नहीं होते, लेकिन आपको खीझ ज़रूर दिला सकते हैं. यदि आपने माइक्रोडर्माब्रेशन के ज़रिए इन्हें हटाने का फ़ैसला कर लिया हो तो बात अलग है, वरना इन दाग धब्बों, डिस्कलरेशन और डार्क स्पॉट्स से छुटकारा पाना एक कठिन काम है.
पर हम आपका साथ कहां छोड़ने वाले हैं? हमने आपको इनसे छुटकारा दिलाने के लिए एक आसान तरीका खोज निकाल है. बस, आप अपने स्किनकेयर रूटीन को थोड़ा सा अपग्रेड कर लीजिए और आप इन समस्याओं के मूल कारण से छुटकारा पा लेंगी. ये पांच आसान से स्टेप्स आज़माएं और किसी भी तरह के डिस्कलरेशन से निजात पाएं.
- ब्राइटनिंग फ़ेस वॉश का इस्तेमाल करें
- टोनर का इस्तेमाल करें
- तीसरा स्टेप: इसके बाद सीरम लगाएं
- सही मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें
- सबसे आख़िरी में एसपीएफ़ का इस्तेमाल करना न भूलें
ब्राइटनिंग फ़ेस वॉश का इस्तेमाल करें

दाग धब्बों के लिए हमेशा उस जगह पर लगाने वाली यानी टॉपिकल क्रीम का इस्तेमाल करना ही ज़रूरी नहीं है. आप डिस्कलरेशन को हटाने के लिए अपने क्लेंज़र से भी शुरुआत कर सकती हैं. ऐसे प्रोडक्ट्स का चुनाव करें, जिसमें ब्राइटनिंग (उजला करने वाले) और लाइटनिंग (रंगत हल्की करने वाले) इन्ग्रीडिएंट्स हों. इसका एक विकल्प पॉन्ड्स वाइट ब्यूटी ब्राइटनिंग फ़ेस वॉश/Pond’s White Beauty Brightening Face Wash है, जो नाइअसिनमाइड के गुणों से भरपूर है और ऐसे सौम्य फ़ॉर्मूला से बना है, जो त्वचा को उजला और चमकदार बनाता है. विटमिन B3 का एक प्रकार नाइअसिनमाइड, त्वचा में प्रोटीन बनाने में और मॉइस्चर को त्वचा के अंदर सील करने में मदद करता है, ताकि बाहर से त्वचा को कोई क्षति न पहुंचने पाए. यह दाग धब्बों और पिग्मेंटेशन को हल्का भी करता है.
टोनर का इस्तेमाल करें

यदि आप टोनर का इस्तेमाल नहीं करती हैं तो फ़ौरन शुरू कर दें. टोनर्स, न सिर्फ़ त्वचा के पीएच संतुलन को बरक़रार रखते हैं, बल्कि हाइपरपिग्मेंटेशन स्किनकेयर रूटीन का ज़रूरी हिस्सा भी हैं. आपको एक ऐल्कहॉल मुक्त टोनर की ज़रूरत है, जिसमें स्किन ब्राइटनिंग इन्ग्रीडिएंट्स हों. इससे आपकी त्वचा की रंगत एकसमान होगी और डार्क स्पाट्स हल्के होंगे.
तीसरा स्टेप: इसके बाद सीरम लगाएं

जब आप डिस्कलरेशन जैसी ज़िद्दी समस्या का सामना कर रही हों तो ऐसे स्टेप्स को अपने रोज़मर्रा के रूटीन में शामिल करना ज़रूरी हो जाता है, जो केवल रात में ही नहीं, बल्कि दिनभर भी आपकी समस्या पर काम करें. इसके लिए लाइटवेट सीरम का इस्तेमाल करना अच्छा निर्णय होगा. डर्मैलॉजिका C-12 प्योर ब्राइट सीरम/ Dermalogica C-12 Pure Bright Serum की थोड़ी सी मात्रा ही आपकी त्वचा की रंगत को निखारने के लिए काफ़ी होगी. यह सीरम ज़िंक ग्लाइसिनेट नामक मिनरल के गुणों से भरपूर है, जो मेलानिन के उत्पादन को कम करता है और हाइपरपिग्मेंटेशन को रोकता है. इसमें ऑलिगोपेप्टाइड्स और चावल से निकाले गए फ़ाइटिक ऐसिड होते हैं, जो त्वचा को उजला बनाने के लिए जाने जाते हैं.
सही मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें

डिस्कलरेशन का एक कारण त्वचा का रूखा यानी ड्राइ होना भी है और ये भी हो सकता है कि रूखेपन की वजह से त्वचा के पैची या फ़्लेकी (पपड़ीदार) हो और आपकी दाग धब्बों और हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या और ख़राब हो जाए. यह सुनिश्चित करें कि आपका मॉइस्चराइज़र आपके स्किन टाइप के अनुसार ही हो, ताकि आपकी त्वचा को सही पोषण मिले और वह डार्क स्पॉट्स व हाइपरपिग्मेंटेशन को दूर सके. ऐसा मॉइस्चराइज़र, जिसमें विटामिन B3 हो, जिसे त्वचा की रंगत को उजला करने के लिए जाना जाता है, आपके लिए बिल्कुल सही रहेगा.
सबसे आख़िरी में एसपीएफ़ का इस्तेमाल करना न भूलें

इस बात पर आपको बहुत ध्यान देना होगा कि सूरज, जो विटामिन D का बेहतरीन स्रोत है, आपकी त्वचा के लिए बहुत ख़तरनाक भी हो सकता है. अत: यह सुनिश्चित करें कि सबसे आख़िरी में आपने एसपीएफ़ वाला प्रोडक्ट ज़रूर लगाया हो; ये आपको सूरज की वजह से होने वाले दाग धब्बों, उम्र के निशानों और मेलाज़्मा से बचाएगा. यदि आप कवरेज भी चाहती हैं तो आपको ऐसी बीबी/सीसी क्रीम का चुनाव करना चाहिए, जिसमें एसपीएफ़ हो. हम तो कवरेज, एसपीएफ़, मॉइस्चराइज़िंग और लाइटनिंग के लिए लैक्मे कॉम्प्लेक्शन केयर फ़ेस सीसी क्रीम/ Lakme Complexion Care Face CC Cream का ही इस्तेमाल करते हैं.
Written by Team BB on 4th Apr 2020