पिछले कुछ वर्षों में लेज़र हेयर रिमूवल काफी लोकप्रिय हो गया है. यह शरीर के अनचाहे बालों से स्थायी रूप से या कम से कम लंबे समय तक छुटकारा पाने का एकमात्र समाधान है, जो हर महीने सलोन में खर्च होने वाले समय, पैसे और एनर्जी को बचाता है. इस ट्रीटमेंट में लेज़र का इस्तेमाल किया जाता है जो हेयर फ़ॉलिकल्स को नए बाल उगाने से रोकता है. हालांकि इसे काफी सुरक्षित माना जाता है, लेकिन लेज़र से बालों को हटाने के लिए अपॉइंटमेंट बुक करने से पहले इसके कुछ साइड इफेक्ट्स को समझ लेना भी ज़रूरी है. इसलिए हमने ऐसे ही कुछ साइड इफ़ेक्ट्स की लिस्ट आपके लिए बनाई है, ताकि आप सतर्क व सावधान रहें.
रेडनेस और जलन

रेडनेस और इरिटेशन यानी लालिमा और जलन लेज़र हेयर रिमूवल के सबसे आम साइड इफ़ेक्ट में से एक है क्योंकि येफ़ॉलिकल को डैमेज करता है. जैसे ही बॉडी इस पर रिएक्ट करती है लालिमा, सूजन या जलन का अनुभव होता है. ऐसे में स्किन बेहद नाज़ुक हो जाती है जिससे ऐसा लगता है जैसे अभी-अभी वैक्स किया हो. यह आमतौर पर अस्थायी यानी टेम्पररी होता है और कुछ ही घंटों में ठीक हो जाता है. त्वचा को बेहतर महसूस कराने और लालिमा से छुटकारा पाने के लिए आइस पैक या ठंडे पानी से स्नान करने की सलाह दी जाती है. कुछ त्वचा विशेषज्ञ त्वचा को सुन्न करके दर्द व अन्य लक्षणों से राहत देते हैं, वो ट्रीटमेंट से त्वचा के रिएक्शन के आधार पर ये निर्णय लेते हैं.
क्रस्टिंग

ट्रीटमेंट के बाद, कुछ लोगों को प्रभावित हिस्सों की स्किन यानी त्वचा में की पपड़ी जैसे हार्ड लेयर का अनुभव हो सकता है. हालांकि यह एक छोटी सी समस्या है, लेकिन यह असुविधाजनक हो सकता है और कभी-कभी निशान या खुजली काकारण बन सकता है. ये समस्या स्थाई न हो इसके लिए लाइट मॉइश्चराइज़र का प्रयोग करें.
स्किन पिग्मेंटेशन में बदलाव

ट्रीटमेंट के बाद स्किन के कलर में थोड़ा बदलाव नज़र आना स्वाभाविक है, त्वचा थोड़ी लाइट या डार्क दिख सकती है. अगर आपकी स्किन लाइट है तो ट्रीटमेंट के बाद वहां कुछ डार्क स्पॉट्स नज़र आ सकते हैं और ठीक इसी तरह अगर आपकी स्किन डार्क है तो वहां लाइट स्पॉट्स नज़र आ सकते हैं. ये साइड इफ़ेक्ट हानि रहित है यानी इससे कोई नुक़सान नहीं होता और ये ज़्यादातर टेम्पररी होता है.
स्किन इंफ़ेक्शन का ख़तरा
किसी भी कॉस्मेटिक हेयर रिमूवल प्रॉसेस की तरह, बालों के फ़ॉलिकल्स को लेज़र से ट्रीट करने से संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है. प्रभावित हिस्से को एक ठीक होते घाव की तरह देखना चाहिए. यदि किसी तरह के संक्रमण के लक्षणदिखें तो त्वचा विशेषज्ञ को ज़रूर बताएं. इंफ़ेक्शन के लिए ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) एंटीबायोटिक क्रीम लगाने से बचें.
Written by Suman Sharma on 21st Feb 2022